कैलाश मानसरोवर यात्रा: एक पवित्र अनुभूति

निराकारमोंकारमूलं तुरीयं। गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं॥ करालं महाकाल कालं कृपालं। गुणागार संसारपारं नतोऽहं॥ तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं। मनोभूत कोटि प्रभा